एक विचार राष्ट्रगाथा का......
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
राष्ट्र ने मेरे लिए क्या कीया ये ना सोचो
मै राष्ट्र के लिए क्या कर सकता हुं ??
बस हरदम यही सोचो.......
इस विधानको साकार करने युनिवर्सल फाउन्डेशन तथा सिवील डिफेन्स सुरत से एक युवा प्रकाशकुमार वेकरीया भारतमाता के चार रक्षक(इन्डीयन आर्मी,इन्डीयन नेवी,इन्डीयन एअर फोर्स,इन्डीयन सिवील डिफेन्स) के दीदार सजाके पहली बार आगे आया है जिनकी राष्ट्र भावना हमे एक कृति तथा काव्य के रुप मे मीली है
जिसे प्रसिध्ध करते हे.
भारतमाता के चार रक्षक हंमेशा जागते रहेते है
इन्डीयन आर्मी, जो देशकी सीमाओ पर तैनात है,
इन्डीयन नेवी, जो देशकी जल सीमाओ का रक्षण करती है,
इन्डीयन एअर फोर्स, देशकी छत आसमान का रक्षण करती हे,
इन्डीयन सिवील डिफेन्स, जो देशकी अंदर की सीमाओ अर्थात समाज मे रहकर सादगी से बिना कोइ हथीयार बिना सेलेरी बस प्यार से प्यार देकर हमारे समाज की रक्षा हेतु हंमेशा तैनात हेै
इसी सिवील डीफेन्स के एक मानद अधीकारी ने सिवील डीफेन्स को गहेनो से सजाकर अपने दील से पहलीबार एक काव्य लिखा हे जीसे देशके सामने हम ला रहे है यह काव्य का नाम है
“देशकी आन सिवील डिफेन्स मेरी जान”
जिक्र अगर करना है तो,
पहले सिवील डिफेन्स का होगा ।
राष्ट्र रक्षा के चर्चे हो विश्वमे तो,
भारतीय पायदल को याद करना होगा ।
दहाड लहेरो से सुननी है तो,
हमारी नेवी तैयार होगी ।
जजबा अगर ऊंचाई से देखना है तो, हमारी एयरफोर्स बादलोमे होगी ।
बात अगर सोश्यल सोल्जर की है तो, सीवील डीफेन्स सामने होगी ।
जब बंद संसार के द्वार खुलते है तो, सिवील डिफेन्स हाजीर होगी ।
भुचाल का हाल है ,आग से बेहाल है, और कोरोना काल है तो,
सिवील डिफेन्स के वॉरीयर्स हर हाल मे लडने को तैयार होगा ।
एक हीन्दुस्तानी फौज
दुजी इन्डीयन एअरफोर्स
तीसरी नेवी की दहाड
चौथी सूरत की सिवील डिफेन्स
दीलमे वतनकी खुशबु है, हाथोमे माँ भारतीका ध्वज है
सिने पे सत्यमेव जयते है तन पे पितांबर लिबास है ।
हिन्दुस्तान के हर शहीद की शहादत मै
आपके जिवन का प्रकाश है, तब कह सकते है हम मेरा भारत महान है ।
जय हिन्द
वंदे मातरम्.
※※ देखे विडीयो लिंंक ※※
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
- प्रकाशकुमार वेकरीया- डिवीझनल वोर्डन, सिविल डिफेन्स अमरोलि, सुरत
फाउन्डर - युविवर्सल फाउन्डेशन.
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
0 Comments